मुगल वंश Mugal Vans
मुगल वंश Mugal Vans (1526 ईo – 1857 ईo)
मुगल बादशाहों (या मुगल) ने भारतीय उपमहाद्वीप पर मुगल साम्राज्य का निर्माण और शासन किया, जो मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के आधुनिक देशों के अनुरूप था। मुगलों ने 1526 से भारत के कुछ हिस्सों पर शासन करना शुरू किया और 1857 तक अधिकांश उप-महाद्वीपों पर शासन किया। उसके बाद वे तेजी से गिरावट आई, लेकिन 1850 के दशक तक मुख्य रूप से शासित प्रदेश थे।
जब लोदी बांस के अंतिम शासक इब्राहिम लोदी ने भारत देश में आतंक मच का रख दिया था तब मेवाड़ के शासक राणा सांग ने बाबर को अफगानिस्तान से बुलाया था और बाबर ने भरत में आ कर इब्राहिम लोदी को पानीपथ के प्रथम यूद्ध में हरा दिया यही से मुग़ल वंस साम्राज्य की स्थापना हुई|
बाबर का शासन
बाबर का जन्म अफगान घाटी के अंदिझान नमक सहर में हुआ था जो अब ऊबेगिस्तान में है | बाबर के पिता का नाम उम्र शेख मिर्जा था |
बाबाद द्वारा लड़ा गया यूद्ध
युद्ध का नाम | वर्ष | पश्च |
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पानी पथ क प्रथम यूद्ध | 21 April 1526 ई० | इब्राहिम लोदी एवं बाबर |
खानवा का यूद्ध | 17 March 1527 ई० | राणा सांग एवं बाबर |
चन्देरी का यूद्ध | 29 January March 1528 ई० | मैदानी राय एवं बाबर |
घागरा का यूद्ध | 6 May 1529 ई० | अफगानों एवं बाबर |
खानवा के यूद्ध के बाद बाबर को ग़ाज़ी की उपाधि दी गई थी | बाबर द्वारा अपनी आत्म कथा बाबरनामा की रचना की गई थी | बाबर के 4 पुत्र थे| हुमाऊं, कामरान, अस्करी, हिन्दाल |
करीब 48 वर्ष की आयु में बाबर की मृत्यु हो गई| पहले बाबर के सव को आगरा में दफनाया गया था बाद में उसे ले जा कर काबुल में दफनाया गया |
हुमायूँ का शासन
हुमायूँ बाबर का सबसे बड़ा पुत्र था। हुमायूँ (1530-1556) 1530 में पिता की मृतून के बाद 23 वर्ष की उम्र में राजगद्दी पर बैठा हुमाऊं का विवाह हमीदा बानू बेगम से हुआ था जिसने अकबर को जन्म दिया | 1556 में शेर मंडल पुस्तकालय के सीढ़ियों से गिर कर हुमाउँ की मौत हो गई थी | हुमायूँ की सौतेली बहन, गुलबदन बेगम, ने हुमायूँ-नामा लिखा।
अकबर (1556-1605ई.)
अबूल-फतह जलाल-उद-दीन मुहम्मद अकबर को अकबर के नाम से जाना जाता है, हुमायूँ के बाद एक रेजिमेंट, बैरम खान ने भारत में युवा सम्राट मदद की और भारत में मुगल सम्राज्य को मजबूत बनाया। सबसे महान शासकों में से एक माना जाता है। बैरम खान की मदद से पानीपत की दूसरी लड़ाई (1556 ई.) में हेमू को हराया। बाज बहादुर को हराकर मालवा (1561 ई.)विजय, इसके बाद गढ़-कटंगा (रानी दुर्गावती द्वारा शासित), चित्तौड़ (1568 ई.), रणथंभौर और कालिंजर (1569 ई.), गुजरात (1572 ई. ), मेवाड़ (हल्दीघाटी का युद्ध, 1576 अकबर और राणा प्रताप) कश्मीर (1586 ई.), सिंध (1593 ई.) और असीरगढ़ (1603 ई.)को हराया। 1572 ई. में गुजरात पर विजय के बाद फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा का निर्माण किया गया। अकबर ने हरखा बाई (जोधा बाई के रूप में भी जाना जाता है) से निकाह किया, जो राजपूत शासक भारमल की बेटी थी। अकबर ने जज़ियाह (1564 ई।) को समाप्त कर दिया। उसे इबादत खाना (प्रार्थना की हॉल) में विश्वास था, इसलिए फतेहपुर सीकरी में , सुलह-ए-कुल (सभी के लिए शांति) का निर्माण किया,डिग्री ऑफ इनफिलिबिलिटी (1579 ई.) जारी किया; धार्मिक दीन-ए-इलाही (1582 ई.) का आदेश दिया। बीरबल ने सबसे पहले इसे गले लगाया था। महानता और सेना को संगठित करने के लिए भू-राजस्व प्रणाली जिसे टोडर माल बंदोबस्त या ज़बती कहा जाता था, भूमि का वर्गीकरण और किराए का निर्धारण; और मानसबाड़ी प्रथा (रैंक धारक) की शुरुआत की। इनके नवरत्नों में टोडर मल, अबुल फजल, फैजी, बीरबल, तानसेन, अब्दुर रहीम खाना-ए-खाना, मुल्ला-डो-प्याजा, राजा मान सिंह और फकीर अज़ीओ-दीन शामिल थे। 27 अक्टूबर 1605 को पेचिश के कारण अकबर की मृत्यु हो गई। उनका शव आगरा के सिकंदरा स्थित उनके मकबरे में दफनाया गया था।
जहाँगीर (1605-1627 ई.)
मुगलों का एक ऐसा शासक था, जिसने अपने शासनकाल में कला और पुरातत्वविद् का प्रयोग सबसे ज्यादा किया, शाहजहां एक शांतिपुरक शासक था, जिसने अपने कार्यकाल में ताजमहल, जमामस्जिद, लालकिला, शालीमार गार्डन जैसे प्रमुख कला स्थलों और इमारतों का निर्माण किया गया। पांचवें सिख गुरु, गुरु अर्जुन देव को मारा। 1622 ई. में फारस से कंधार से की हार उसकी सबसे बड़ी विफलता थी। जहाँगीर ने 1611 ई. में मेहर-उन-निसा से शादी की और नूरजहाँ की उपाधि दी। उन्होंने शाही न्याय के चाहने वालों के लिए आगरा किले में जंजीर-ए-अदल की स्थापना की। कप्तान हॉकिन्स और सर थॉमस रो ने उनके दरबार का दौरा किया था।
शाहजहाँ(1628-1658ई.)
शाहजहाँ को निर्माण का एक अतुलनीय शौक था। उनके शासन में आगरा के ताजमहल और दिल्ली के जामा मस्जिद, आदि अन्य स्मारकों का निर्माण हुआ। इसका शासनकाल ने मुगल शासन के सांस्कृतिक उत्थान का समय माना जाता है । उनके सैन्य अभियानों ने साम्राज्य को दिवालियापन के कगार पर ला दिया। उनके पुत्रों ने विभिन्न मोर्चों पर बड़ी सेनाओं की कमान संभाली। उनके शासनकाल के दौरान मारवाड़ी घोड़े सामने आए। अनन्त प्रेम स्मारक ताजमहल, आगरा में स्थित है। शाहजहाँ ने 1631 में मुमताज महल के नाम से मशहूर अपनी पसंदीदा बेगम, अर्जुमांचल बानो बेगम के लिए यह मकबरा बनवाया। गुरु हरगोबिंद के नेतृत्व में सिखों का विद्रोह हुआ। शाहजहाँ ने लाहौर में सिख मंदिर को नष्ट करने का आदेश दिया।
औरंगजेब (आलमगीर)(1658-1707 ई.)
औरंगज़ेब मुमताज़ और शाहजहाँ के पुत्र था। औरंगजेब अपने भाई दारा, शुजा और मुराद के बीच उत्तराधिकार के क्रूर युद्ध के बाद विजयी हुआ। उनके शासन के दौरान – मथुरा में जाट किसान, पंजाब में सतनामी किसान और बुंदेलखंड में बुंदेलों का विद्रोह हुआ। 1658 ई. में मारवाड़ का मेल, राजा जसवंत सिंह की मृत्यु के बाद राजपूत और मुगलों के बीच एक गंभीर दरार बन गया। नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर को उनके द्वारा 1675 ई. में मार दिया गया था। मुगल विजय उसके शासनकाल के दौरान चरमोत्कर्ष पर पहुंच गई। यह उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में जिंजी तक, पश्चिम में हिंदुकुश से पूर्व में चटगाँव तक फैला हुआ था। उन्हें दरवेश या जिंदा पीर कहा जाता था। उसने सती को नही मानता था। बीजापुर (1686 ई.) और गोलकोंडा (1687 ई.) पर विजय प्राप्त की और 1679 ई. में जज़िया कर फिर से लगा दिया। इसने औरंगाबाद में अपनी रानी रबूद-दुर्रानी की कब्र पर बीवी का मकबरा दिल्ली के लाल किले के भीतर मोती मस्जिद; और लाहौर में यामी या बादशाही मस्जिद बनवाया। 1707 में अहमदनगर में औरंगजेब की मृत्यु हो गई। अन्य मुग़ल शासक
बहादुर शाह I (1707-12)
असली नाम मुअज्जम था। शाह-ए-बेखबर टाइटल था। मराठों और राजपूतों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध को बढ़ावा दिया
जहाँदार शाह (1712-13)
वह जुल्फिकार खान (वज़ीर) की मदद से गद्दी प्राप्त की। जजिया कर खत्म कर दिया। इसके दरबार में एक दासी लालकुमर थी।
फर्रुख्सियर(1713-19)
उसके पास स्वतंत्र रूप से शासन करने की क्षमता और ज्ञान का अभाव था। उनके शासनकाल में सैय्यद ब्रदर्स (राजा निर्माता के रूप में जाना जाता है) का उदय हुआ। अब्दुल्ला खान-वज़ीर था हुसैन अली-सेनापति था। 1717-मुक्त व्यापार के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी को गोल्डन फ़ार्मन जारी किया। फर्रुखसियर ने बंदा बहादुर(एक सिख नेता)को मारा।
मुहम्मद शाह (1719-48)
सय्यद ब्रदर्स की मदद से बादशाह बना। नादिर शाह ने भारत पर आक्रमण किया और मयूर सिंहासन और कोहिनूर हीरा छीन लिया। टाइटल- रंगीला था। उनके काल में स्वतंत्र राज्य का उदय हुआ।
अहमद शाह (1748-54)
अहमद शाह अब्दाली (नादिर शाह के जनरल) ने दिल्ली की ओर कूच किया और मुगलों ने पंजाब और मुल्तान पर कब्जा कर लिया। उन्होंने राजमाता “उमाद बाई” के मार्गदर्शन में काम किया।
आलमगीर(1754-59)
अहमद शाह ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया, बाद में, मराठों द्वारा दिल्ली को लूट लिया गया।
शाह आलम II (1759-1806)
असली नाम: अलीगोहर| पानीपत का युद्ध: (1761)| बक्सर युद्ध (1764) इलाहाबाद की संधि (1765), 12 साल तक दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सका। 1788: गुलाम कादिर ने उन्हें अंधा बना दिया।
अकबर II (1806-37)
ईस्ट इंडिया कंपनी के पेंशनर। राम मोहन राय को “राजा” की उपाधि दी।
बहादुर शाह II (1837-57)
उपनाम: जाफ़र, अंतिम मुगल सम्राट, जिसे 1857 के विद्रोह के दौरान प्रमुख बनाया गया था। 1862-रंगून में मृत्यु (म्यांमार)
मुग़ल वंश का पतन(Fall of Mughal Empire)
मुगल साम्राज्य के तेजी से पतन के लिए इतिहासकारों ने कई स्पष्टीकरण दिए हैं। सम्राटों ने साम्राज्य का अधिकार और नियंत्रण खो दिया, क्योंकि व्यापक रूप से बिखरे हुए शाही अधिकारियों ने केंद्रीय अधिकारियों में विश्वास खो दिया, और प्रभाव के स्थानीय लोगों के साथ अपने स्वयं के सौदे किए। उत्तराधिकारी कमजोर और अक्षम थे। एक अन्य कारण कई युद्धों है, जो त्वरित उत्तराधिकार में लड़े गए थे। इस कारण मराठा और अन्य क्षेत्रीय शक्तियाँ बढ़ने लगीं और मुगलों के लिए अपने साम्राज्य को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया। मुगल साम्राज्य के पतन से कृषि उत्पादकता में गिरावट आई, जिससे खाद्य कीमतों में गिरावट आई।
मुग़ल वंश से संबंधित सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions Releted to Mughal Empire):
Q. मुगल वंश का संस्थापक कौन था?
Ans. बाबर, मुगल वंश का संस्थापक था।
Q. 1527 में खानवा का युद्ध किसके बीच लड़ा गया था?
Ans.खानवा की लड़ाई बाबर और राणा साँगा के बीच लड़ी गई थी?
Q. किसने मुगल साम्राज्य को मजबूत किया और इसे एक अद्वितीय बहु-धार्मिक संस्कृति दी?
Ans.अकबर ने मुगल साम्राज्य को एकजुट किया और इसे एक अद्वितीय बहु-धार्मिक संस्कृति दी।
Q. मुगल सम्राट कौन था जब नादिर शाह ने दिल्ली पर हमला किया था?
Ans.मुहम्मद शाह जब मुगल बादशाह थे, तब नादिर शाह ने दिल्ली पर हमला किया था।
Q. दीन-ए-इलाही की शुरुआत किसने की?
Ans.अकबर ने दीन-ए-इलाही की शुरुआत की।
Q. निम्नलिखित में से किसे जिंदा पीर माना जाता था?
Ans.औरंगजेब को जिंदा पीर माना जाता था।