जैन धर्म Jain Dharm
जैन धर्म Jain Dharm
दुनिया के सबसे प्राचीन धर्म जैन धर्म को श्रमणों का धर्म कहा जाता है. जैन धर्म का संस्थापक ऋषभ देव को माना जाता है, जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर थे और भारत के चक्रवर्ती सम्राट भरत के पिता थे. वेदों में प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ का उल्लेख मिलता है.
माना जाता है कि वैदिक साहित्य में जिन यतियों और व्रात्यों का उल्लेख मिलता है वे ब्राह्मण परंपरा के न होकर श्रमण परंपरा के ही थे. मनुस्मृति में लिच्छवि, नाथ, मल्ल आदि क्षत्रियों को व्रात्यों में गिना है. आर्यों के काल में ऋषभदेव और अरिष्टनेमि को लेकर जैन धर्म की परंपरा का वर्णन भी मिलता है. महाभारतकाल में इस धर्म के प्रमुख नेमिनाथ थे.
महावीर स्वामी का परिचय
नाम | महावीर |
जन्म | 599 ई.पू. |
जन्म स्थान | कुंडग्राम (वैशाली) |
पिता | सिद्धार्थ |
माता का नाम | त्रिशला |
शादी | यशोदा |
पुत्री | अनोज्जा प्रियदर्शनी |
बचपन का नाम | वर्धमान |
मृत्यु | 527 ई.पू. (पावापुरी) |
जैन धर्म के संस्थापक और पहले तीर्थंकर ऋषभदेव थे. जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर थे- पार्श्वनाथ पार्श्वनाथ काशी के इक्ष्वाकु वंशीय राजा अग्रसेन के पुत्र थे. पार्श्वनाथ को 30 साल की उम्र में वैराग्य उत्पन्न हुआ, जिस कारण वो गृह त्यागकर संयासी हो गए पार्श्वनाथ के द्वारा दी गई शिक्षा थी- हिंसा न करना, चोरी नृ करना, हमेशा सच बोलना, संपत्ति न रखना.
महावीर
महावीर जैन धर्म के 24वें एवं अंतिम तीर्थंकर हुए । महावीर का जन्म 599 ई. पू. पहले वैशाली गणतंत्र के क्षत्रिय कुण्डलपुर में हुआ था. इनके पिता राजा सिद्धार्थ ज्ञातृक कुल के सरदार थे और माता त्रिशला लिच्छिवी राजा चेटक की बहन थीं. महावीर की पत्नी का नाम यशोदा और पुत्री का नाम अनोज्जा प्रियदर्शनी था. महावीर के बचपन का नाम वर्द्धमान था. उन्होंने 30 वर्ष की उम्र में माता- पिता की मृत्यु के पश्चात अपने बड़े भाई नंदीवर्धन से अनुमति लेकर संन्यास- जीवन को स्वीकारा था । महावीर का साधना काल 12 साल 6 महीने और 15 दिन का रहा. इस अवधि में भगवान ने तप, संयम और साम्यभाव की विलक्षण साधना की. इसी समय से महावीर जिन (विजेता), अर्हत (पूज्य), निर्ग्रंध (बंधनहीन) कहलाए. महावीर ने अपना उपदेश प्राकृत यानी अर्धमाग्धी में दिया. महावीर के पहले अनुयायी उनके दामाद जामिल बने. प्रथम जैन भिक्षुणी नरेश दधिवाहन की बेटी चंपा थी. महावीर के अनुयायियों को मूलत: निग्रंथ कहा जाता था । महावीर के प्रथम अनुयायी उनके दामाद जामिल बने । महावीर ने अपने शिष्यों को 11 गणधरों में बांटा था. आर्य सुधर्मा अकेला ऐसा गंधर्व था जो महावीर की मृत्यु के बाद भी जीवित रहा. जैन धर्म दो भागों में विभाजित है- श्वेतांबर जो सफेद कपड़े पहनते हैं और दिगंबर जो नग्नावस्था में रहते हैं. भद्रबाहु के शिष्य दिगंबर और स्थूलभद्र के शिष्य श्वेतांबर कहलाए. दूसरी जैन सभा 512 में वल्लभी गुजरात में हुई.
धर्म के पांच महाव्रत
जैन धर्म दो संप्रदाय में बंट गया – (1) श्वेताम्बर (श्वेत वस्त्र धारण करने वाले) (2) दिगम्बर ( नग्न रहने वाले)
- (1) अहिंसा
- (2) सत्य वचन
- (3) अस्तेय
- (4) अपरिग्रह
- (5) ब्रह्मचर्य
जैन धर्म के त्रिरत्न
- सम्यक् दर्शन
- सम्यक् ज्ञान
- सम्यक् आचरण
जैन धर्म के त्रिरत्न हैं- सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक आचरण. जैन धर्म में ईश्वर नहीं आत्मा की मान्यता है. महावीर पुनर्जन्म और कर्मवाद में विश्वास रखते थे. जैन धर्म ने अपने आध्यात्मिक विचारों को सांख्य दर्शन से ग्रहण किया. जैन धर्म को मानने वाले राजा थे- उदायिन, वंदराजा, चंद्रगुप्त मौर्य, कलिंग नरेश खारवेल, राजा अमोघवर्ष, चंदेल शासक. जैन तीर्थंकरों में संस्कृत का अच्छा विद्वान नयनचंद्र था. मौर्योत्तर युग में मथुरा जैन धर्म का प्रसिद्ध केंद्र था। मथुरा कला का संबंध जैन धर्म से है. 72 साल में महावीर की मृत्यु 468 ई. पू. में बिहार राज्य के पावापुरी में हुई थी. मल्लराजा सृस्तिपाल के राजप्रसाद में महावीर को निर्वाण प्राप्त हुआ था. जैन तीर्थंकरो की जीवनी भद्रबाहु द्वारा रचित ‘कल्पसूत्र’ में है । खजुराहो में जैन मंदिरों का निर्माण चंदेल शासकों द्वारा किया गया ।
Jain Dharm Importaint Questions
1. भगवान महावीर का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर कुण्डलपुर नगर में (बिहार प्रान्त)
2. महावीर स्वामी के कितने नाम हैं?
उत्तर पाँच (वीर, अतिवीर, महावीर, सन्मति, वर्धमान)
3. भगवान महावीर का चिन्ह क्या है?
उत्तर शेर
4. भगवान महावीर का जन्म कब हुआ था?
/उत्तर ईसा से 600 वर्ष पूर्व
5. उनकी माता का नाम क्या था ?
उत्तर त्रिशला
6. ऋषभदेव का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर अयोध्या नगरी
7. उनके पिता का नाम क्या था ?
उत्तर सिद्धार्थ
8. महावीर की निर्वाण तिथि क्या है?
उत्तर कार्तिक कृष्णा अमावस
9. कितने वर्ष की उम्र में तीर्थंकर महावीर ने दीक्षा ली थी?
उत्तर 30 वर्ष की उम्र में
10. सत्य बोलने में कौन सा राजा लोकव्यवहार में प्रसिद्ध हुआ है?
उत्तर राजा हरिश्चन्द्र
11. सुमेरुपर्वत कहाँ है?
उत्तर जम्बूद्वीप के बीचोंबीच में सुमेरु पर्वत है
12. भगवान महावीर ने मोक्ष कहाँ प्राप्त किया था?
उत्तर बिहार प्रांत की पावापुरी नगरी में
13. जैन धर्म के प्रथन तीर्थंकर माने जाते हैं-
उत्तर ऋषभदेव।
14. किस तीर्थंकर का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है-
उत्तर ऋषभदेव
15. महावीर स्वामी ने पाचवां कौनसा क्रम पंचमहाव्रत में जोङा?
उत्तर ब्रह्मचर्य
16. जैन संघ के सदस्य कितने संघों में विभक्त थे?
उत्तर 2 संघों में
17. जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर काशी (पार्श्वनाथ)
18. जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर का जन्म कब हुआ?
उत्तर 540 ई.पू. (महावीर स्वामी)
19. महावीर स्वामी को ------ नदी के तट पर ज्ञान प्राप्त हुआ?
उत्तर ऋजुपालिका नदी
20. जैन धर्म में किस सिद्धांत पर सबसे अधिक बल दिया गया है?
उत्तर अहिंसा पर
21. जैन ग्रंथ किस भाषा में लिखे गये?
उत्तर प्राकृत तथा संस्कृत दोनों भाषा में
22. कितने वर्षों की तपस्या के बाद महावीर स्वामी जिन कहलाये?
उत्तर 12 वर्ष
23. पार्श्वनाथ के अनुयायियों को कहा जाता था-
उत्तर निर्ग्रंथ।
24. कौन से जैन तीर्थंकर को कला में सर्पकला से युक्त प्रस्तुत किया जाता है
उत्तर पार्श्वनाथ
25.जैन दर्शन ज्ञान का स्रोत किसे मानता है?
उत्तर प्रत्यक्ष, अनुमान, शब्द
26. जैन दर्शन के सप्तभंगी ज्ञान को कहा जाता है?
उत्तर स्यादवाद।
27. जैन धर्म को दक्षिण भारत ले जाने का श्रेय किसे दिया जाता है?
उत्तर भद्रबाहु को।
28. जैन धर्म का प्रथम अधिवेशन कहां हुआ?
उत्तर पाटलिपुत्र में (स्थूलभद्र की अध्यक्षता में)
29. जैन अनुयायियों द्वारा आयोजित दूसरी महासभा का अधिवेशन कहां
उत्तर वल्लभी (क्षमाश्रमण की अध्यक्षता में)
30. जैन धर्म के श्वेतांबर तथा दिगंबर सम्प्रदाय अस्तित्व में कब आये?
उत्तर प्रथम अधिवेशन के बाद
31. कालांतर में जैन धर्म ने अपना प्रभाव स्थापित किया
उत्तर पश्चिमी भारत
32. जैन धर्म से संबंधित ग्रंथों को कहा जाता है?
उत्तर अंग, उपांग तथा पूर्व